रंजीत श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ हरदोई
हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले 68 जालसाज शिक्षक विभाग का 11 करोड़ 45 लाख रुपये हड़प कर गए हैं। विभाग अभी तक उनसे वेतन के रूप में दी गई धनराशि वसूल नहीं कर पाया है। महानिदेशक शिक्षा ने सभी शिक्षकों से रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। इससे जालसाजी करने वालों में खलबली मच गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग में विभिन्न भर्तियों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्तियां हुईं थी। इनकी जांच में 117 शिक्षकों के खिलाफ विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराके बर्खास्त किया था। इनमें 68 शिक्षकों को वेतन जारी किया गया था।
उन्होंने विभाग से दो साल तक वेतन भी प्राप्त किया था। इन शिक्षकों से वसूली के आदेश दिए गए थे, मगर एक भी शिक्षक से वसूली नहीं की जा सकी। यह फाइल दबकर रह गई। जनपद में 117 में 68 शिक्षकों ने वेतन के रूप में 11 करोड़ 45 लाख 502 रुपये जमा कराए जाने थे।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा गया था, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने पूरे प्रदेश में बर्खास्त शिक्षकों से रिकवरी की समीक्षा करने के बाद सभी बीएसए को पत्र जारी कर शिक्षकों से रिकवरी के आदेश दिए हैं। (संवाद)
बीएसए ने जारी किया गया पत्र
पूरे प्रदेश की 1328 फर्जी शिक्षकों की सूची जारी की गई है। जिसमें जनपद के 117 शिक्षक है। इनमें से 68 से वसूली की जानी है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक के पत्र आने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है और रिकवरी की फाइल एक बार फिर शुरू हो गई हैं। बीएसए विनीता की ओर से इस संबंध में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।
इस प्रकार सामने आया था फर्जीवाड़ा
विभागीय जांच में जिले में 197 फर्जीवाड़े के प्रकरण सामने आ चुके हैं। विशिष्ट बीटीसी के तहत वर्ष 2004 में हुई भर्ती में 30 शिक्षक फर्जी मिले थे। वर्ष 2007 में सात, 2010 में 13,वर्ष 2014 में दस हजार भर्ती में 66, वर्ष 2015 में 72 हजार भर्ती में 32,तीन प्रशिक्षु शिक्षकों, विज्ञान- गणित विषय की भर्ती में 15 शिक्षक फर्जी पाएं गए थे। आगरा विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले 16 शिक्षक और केजीबीवी में नियुक्ति में तीन फर्जीवाड़े के मामले प्रकाश में आए थे।