रंजीत श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ हरदोई
हरदोई। इसे सिस्टम की लाचारी कहें या फिर तकदीर का खेल कि सरकारी आवास योजनाएं भी सभी गरीबों की ढाल नहीं बन पा रहीं हैं। अभी भी लोग झुग्गी झोपड़ी में रहने को विवश है। तमाम लोगों के पुश्तैनी घर जर्जर हो चुके हैं। योजनाओं के तहत पात्र भी हैं मगर उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा।
आवास योजना का लाभ न मिल पाने से कोई छप्पर डाले है तो कोई तिरपाल तानकर परिवार के साथ रह रहा है। बेबसी झेल रहे इन लोगों के लिए छप्पर और जर्जर भवन कब काल बन जाएं, यह कोई नहीं जानता। इटावा में गुरुवार को जर्जर मकान गिरने से हुए हादसों में दस लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद से जर्जर मकान में रहने वालों को डर सताने लगा है।
नगरीय क्षेत्रों की इन आवासीय योजनाओं को लेकर जिम्मेदारों की बेखबरी ने लोगों को शासन की मंशानुुसार उनके अपने आशियाने का सपना पूरा नहीं होने दिया हैं। तमाम लोगों को अभी भी योजनाओं का लाभ मिलने की दरकार है। लोगों को जिम्मेदारों के जागने का इंतजार है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके।
जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की पीओ संगीता सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के 1254 आवेदन पत्रों का सत्यापन कराने लिए डेढ़ साल पहले सदर तहसील को सूची भेजी गई थी। सत्यापन रिपोर्ट न आने के चलते आवेदन पत्रों का निस्तारण नहीं हो सका है।
ये है सरकारी आवास योजनाओं का हाल
1- प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में गरीबों को अपना घर बनाने के लिए ढाई लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। हरदोई शहर में योजना के शुरू होने से लेकर अब तक महज 140 परिवारों का चयन हो सका है। योजना के तहत सैकड़ों गरीबों ने आवेदन किए थे मगर विभाग के रिकार्ड में सिर्फ 1254 आवेदन पत्र लंबित हैं। बताया जाता है कि तहसील सदर से इन आवेदनों की सत्यापन रिपोर्ट न आने से आवेदनों का निस्तारण नहीं हो सका है।
2- सांडी नगर में मान्यवर कांशीराम आवास योजना में बने तीन सौ आवास खंडहर होने की कगार में पहुंच गए है मगर गरीबों एवं जरूरतमंदों को वहां रहने के लिए इनका आवंटन नहीं हो सका है।
3- गोपामऊ नगर पंचायत में 144 आवास आईएचएसडीपी में पिछले दस वर्षों से निर्माणाधीन है। गरीबों के लिए बनाए जा रहे आवासों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
4- संडीला में आईएचएसडीपी के 252 आवासों का निर्माण पिछले दस सालों में पूरा नहीं हो सका है। यहां आसरा योजना में निर्माणाधीन 504 आवासों में लगभग 4 सौ आवासों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।
मजबूरी की कहानी, बुजुर्ग की जुबानी
हरदोई। शहर के मोहल्ला आलू थोक निवासी वृद्धा निर्मला ने बताया कि पुश्तैनी मकान जर्जर हो चुका है। इस मकान के अतिरिक्त उनके पास न कोई भूमि है न कोई खेत आदि । प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन किया था ताकि योजना के तहत मिलने वाली ढाई लाख से इस मकान को गिरा कर नया कमरा बना लें। तीन साल हो गए डूडा की दौड़ लगाते हुए पर कोई सुनवाई नहीं हो रही । आलू थोक निवासी सभासद शिवसेवक गुप्ता ने बताया कि वे कई बार डूडा कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन को पत्र दे चुके है। आलू थोक के अलावा शहर के कई मोहल्लों के गरीबों के आवेदन पत्रों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। दो साल से ज्यादा समय हो चुका है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों का भी हाल खराब
हरदोई। ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजनाओं का हाल भी खराब है। जिसका जुगाड़ है, उसे तो आवास मिल जा रहे है। तमाम गरीब अभी भी कच्ची दीवारों और छप्पर के सहारे गुजर बसर कर रहे हैं। उन्हेें भी बारिश से डर लगता है। बिजली चमकती है तो घबराहट होती है पर उन्हें पक्का आवास नहीं मिल पाया है।