न पेंशन, न राशन कार्ड, तिरपाल के नीचे बारिश में कट रही रात

 रंजीत श्रीवास्तव  ब्यूरो चीफ हरदोईगंगीरी ब्लॉक के गांव आलमपुर फतेहपुर में मजदूरी करने में असमर्थ हो चुके बुजुर्ग दंपती को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। आवास न होने से बरसात में रात तिरपाल के नीचे बैठे निकल जाती है। शौचालय न होने से खेतों में शौच के लिए जाना पड़ता है। पेंशन व राशन कार्ड भी नहीं बना है।


अतरौली तहसील के गांव आलमपुर फतेहपुर निवासी बुद्धसेन 65 वर्ष अपनी पत्नी शकुंतला देवी के साथ मजदूरी पर लोगों के कपड़े धोने का काम करते थे। अब बुजुर्ग होने के कारण दोनों काम करने में असमर्थ हैं। बुद्धसेन पर कोई संतान भी नहीं है। इनके पास खेती के लिए भी जमीन नहीं है। जैसे-तैसे वह अपना गुजारा कर रहे हैं। किसी भी सरकारी योजना का लाभ इन्हें नहीं मिला है। इनकी न तो वृद्धावस्था पेंशन बंधी है और न ही इनका राशन कार्ड बनाया गया है। रहने को पक्का मकान भी नहीं है। तिरपाल डालकर ही दंपती गुजर बसर कर रहे हैं। शौचालय तक नहीं बना है। आलम यह है कि सर्दियों में ठिठुरन भरी रातें काटना दूभर हो जाता है। वहीं बरसात में पानी टपकने के चलते बुजुर्ग दंपती जैसे-तैसे खुद को भीगने से बचा पाते हैं। उन्होंने कई बार ब्लॉक में अधिकारियों से आवास के लिए गुहार लगाई। लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लेखपाल के खूब चक्कर काटे, लेकिन सुनवाई न होने से हार थककर अपने घर बैठ गए। गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए समय-समय पर सर्वे भी होता है, लेकिन लगता है इस दंपति पर किसी की नजर नहीं पड़ी।

- कुछ समय के लिए बुजुर्ग दंपती मजदूरी करने बाहर चले गए थे। दो साल पहले ही गांव लौटे हैं। शकुंतला देवी की पेंशन ऑनलाइन करा दी है। फिंगर बायोमीट्रिक न आने से बुद्धसेन का आधार कार्ड नहीं बना है। इस कारण राशन कार्ड भी नहीं बन सका है। व्यक्तिगत रूप से मैं व गांव के लोग इनकी मदद करते हैं।
- हप्पू सिंह, ग्राम प्रधान
- बुद्धसेन आवास, शौचालय, राशन कार्ड व पेंशन के लिए पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं। आवास सूची में इनका नाम शामिल कर मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। आधार कार्ड न होने से परेशानी आ रही है। फिर भी राशन कार्ड बनवाने व राशन देने के लिए डीलर से कहा जाएगा।
- महेश चंद्र, ग्राम पंचायत अधिकारी