सुप्रीम मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने कहा कि एक वक्त था जब जब सरकार और विपक्ष के बीच आपसी सम्मान हुआ करता था लेकिन दुर्भाग्य से विरोध की जगह सिक्योरिटी जा रही है उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक विरोध दुश्मनी में नहीं बदलनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नबी रमणा ने देश में राजनीतिक दलों के बीच पैदा हो रहे विद्वेष की भावना पर चिंता जताई या नबी रमणा ने कहा कि आज का राजनीतिक विरोध दुश्मनी में तब्दील होती जा रही है लेकिन लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है उन्होंने कहा कि पहले सरकार और विपक्ष के बीच आपसी सम्मान हुआ करता था जो अब कम हो रहा है सीजेआई रमा ने कहा राजनीतिक विरोध को दुश्मनी में नहीं बदलना चाहिए जिससे हम इन दिनों दुखद रूप से देख रहे हैं यह स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं सीजेआई रमणा कामनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन द्वारा राजस्थान विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे पहले सरकार और विपक्ष के बीच आपसी सम्मान हुआ करता था लेकिन दुर्भाग्य से विरोध की जगह बढ़ती जा रही हो मुख्य न्यायाधीश ने विधायिका के कामकाज की गुणवत्ता पर भी चिंता जताई उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि देश विधायिका के प्रदर्शन की गुणवत्ता में गिरावट देख रहा है कानून को विस्तृत विचार-विमर्श और स्कूटनी के लिए पारित किया जा रहा है सीजेआई रमणा ने कहा कि वर्तमान हालात में भारत में लोकतंत्र पसंद पसंद की बात नहीं है लेकिन एक आवश्यकता है उन्होंने कहा कि भारत का एक लोकतंत्र अभी प्रारंभिक अवस्था में है हम अभी भी मंथन के माध्यम से सीखने के चरण में है वही जयपुर में ही एक दूसरे कार्यक्रम में रमणा ने विचाराधीन कैदियों की दशा दिशा पर चिंता जताई ने कहा कि देश के 6.10 लाख कैदियों में से लगभग 80% विचाराधीन है उन्होंने कहा कि देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत है रमणा ने कहा कि बिना किसी मुकदमा के बड़ी संख्या में लोगों को लंबे समय तक कैद में रखने पर ध्यान देने की जरूरत है सीजेआई जयपुर में 18 वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के उद्घाटन सत्र में अपने विचार रखे
राजनीतिक विरोध दुश्मनी में नहीं बदलना चाहिए जैसा कि आजकल हो रहा है