
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार जनवरी में सहयुक्त महाविद्यालयों में 33 फीसदी सीट वृद्धि को हरी झंडी दी है। विश्वविद्यालय ने लखनऊ समेत चार जिलों के एक दर्जन कॉलेजों में 33 फीसदी सीट वृद्धि पर मुहर लगाई है।
वहीं, इनकी परीक्षाएं फरवरी में प्रस्तावित की जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, कॉलेजों द्वारा पूर्व में किए गए प्रवेश को इसके माध्यम से नियमित करने की कवायद की गई है।
विश्वविद्यालय में इस बार स्नातक प्रवेश अक्तूबर-नवंबर तक चले हैं। हालांकि, सहयुक्त महाविद्यालयों में इससे पहले ही प्रवेश लगभग पूरे हो गए थे। उस समय भी कॉलेजों ने सीट वृद्धि की मांग की थी।
उस समय तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर निर्णय नहीं लिया किंतु दिसंबर में उसने पांचों जिलों के लिए अलग-अलग कमेटी बनाकर कॉलेजों की सीट वृद्धि के आवेदन पर स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी।
हाल में इन कमेटियों ने कॉलेजों का निरीक्षण कर संस्तुति दे दी है। इस क्रम में कमेटियों की संस्तुति के आधार पर लखनऊ, लखीमपुर खीरी व हरदोई में एक दर्जन कॉलेजों में सीट वृद्धि को हरी झंडी दी गई है।
रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कॉलेजों के अनुरोध के क्रम में 2021-22 के लिए सीट वृद्धि के प्रस्ताव पर नामित समितियों की सीट वृद्धि की संस्तुति मिली है।
इसमें पूर्व में स्वीकृत सीटों के सापेक्ष 33 फीसदी की बढ़ोतरी, लेकिन किसी भी दशा में एक सेक्शन में 80 से अधिक सीट नहीं होगी। माना जा रहा है कि इसका कारण पूर्व में कॉलेजों में हुए प्रवेश को नियमित करना है।
हालांकि जनवरी में प्रवेश कैसे होंगे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर किसी कॉलेज में यह स्थिति होगी तो वह प्रवेश लेंगे अन्यथा नहीं।
लविवि में खाली सीटें नहीं भरी
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों के लिए तो काफी दरियादिली दिखाई, लेकिन विश्वविद्यालय की खाली सीटों पर उसने प्रवेश नहीं लिए। यहां 1141 सीटें इस बार खाली हैं, जबकि कई बार विद्यार्थियों ने इसके लिए विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया था। विवि प्रशासन का यह तर्क था कि इतनी देरी से प्रवेश होंगे तो फिर विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी? सवाल यह भी है कि कॉलेजों में इन सीटों पर प्रवेश होंगे तो उनकी पढ़ाई कैसे होगी।
सीट वृद्धि वाले कॉलेज-कोर्स
1. अटल बिहारी बाजपेई नगर निगम डिग्री कॉलेज लखनऊ- बीए व बीएससी
2. शिया पीजी कॉलेज लखनऊ- बीए, बीएससी व बीकॉम
3. टेक्नो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉयर स्टडीज लखनऊ- बीकॉम
4. सुभाष चंद्र बोस पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी एजी, एमएससी एजी
5. रामबेटी देव नारायण बाजपेई कॉलेज हरदोई- बीएससी
6. राम प्रसाद कुशवाहा महाविद्यालय हरदोई- बीए व बीएससी
7. स्वामी ब्रह्मानंद महाविद्यालय हरदोई- बीए व बीएससी
8. श्री पीएल वर्मा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हरदोई- बीएससी
9. अजय पाल सिंह डिग्री कॉलेज हरदोई- बीएससी
10. दिव्य कृपाल पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी व एमएससी
11. मोहम्मद नजीर फातिमा पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी
12. डॉ. भीमराव अंबेडकर पीजी कॉलेज, मुराद नगर लखीमपुर खीरी- एमए चित्रकला
वहीं, इनकी परीक्षाएं फरवरी में प्रस्तावित की जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, कॉलेजों द्वारा पूर्व में किए गए प्रवेश को इसके माध्यम से नियमित करने की कवायद की गई है।
विश्वविद्यालय में इस बार स्नातक प्रवेश अक्तूबर-नवंबर तक चले हैं। हालांकि, सहयुक्त महाविद्यालयों में इससे पहले ही प्रवेश लगभग पूरे हो गए थे। उस समय भी कॉलेजों ने सीट वृद्धि की मांग की थी।
उस समय तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर निर्णय नहीं लिया किंतु दिसंबर में उसने पांचों जिलों के लिए अलग-अलग कमेटी बनाकर कॉलेजों की सीट वृद्धि के आवेदन पर स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी।
हाल में इन कमेटियों ने कॉलेजों का निरीक्षण कर संस्तुति दे दी है। इस क्रम में कमेटियों की संस्तुति के आधार पर लखनऊ, लखीमपुर खीरी व हरदोई में एक दर्जन कॉलेजों में सीट वृद्धि को हरी झंडी दी गई है।
रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कॉलेजों के अनुरोध के क्रम में 2021-22 के लिए सीट वृद्धि के प्रस्ताव पर नामित समितियों की सीट वृद्धि की संस्तुति मिली है।
इसमें पूर्व में स्वीकृत सीटों के सापेक्ष 33 फीसदी की बढ़ोतरी, लेकिन किसी भी दशा में एक सेक्शन में 80 से अधिक सीट नहीं होगी। माना जा रहा है कि इसका कारण पूर्व में कॉलेजों में हुए प्रवेश को नियमित करना है।
हालांकि जनवरी में प्रवेश कैसे होंगे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर किसी कॉलेज में यह स्थिति होगी तो वह प्रवेश लेंगे अन्यथा नहीं।
लविवि में खाली सीटें नहीं भरी
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों के लिए तो काफी दरियादिली दिखाई, लेकिन विश्वविद्यालय की खाली सीटों पर उसने प्रवेश नहीं लिए। यहां 1141 सीटें इस बार खाली हैं, जबकि कई बार विद्यार्थियों ने इसके लिए विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया था। विवि प्रशासन का यह तर्क था कि इतनी देरी से प्रवेश होंगे तो फिर विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी? सवाल यह भी है कि कॉलेजों में इन सीटों पर प्रवेश होंगे तो उनकी पढ़ाई कैसे होगी।
सीट वृद्धि वाले कॉलेज-कोर्स
1. अटल बिहारी बाजपेई नगर निगम डिग्री कॉलेज लखनऊ- बीए व बीएससी
2. शिया पीजी कॉलेज लखनऊ- बीए, बीएससी व बीकॉम
3. टेक्नो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉयर स्टडीज लखनऊ- बीकॉम
4. सुभाष चंद्र बोस पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी एजी, एमएससी एजी
5. रामबेटी देव नारायण बाजपेई कॉलेज हरदोई- बीएससी
6. राम प्रसाद कुशवाहा महाविद्यालय हरदोई- बीए व बीएससी
7. स्वामी ब्रह्मानंद महाविद्यालय हरदोई- बीए व बीएससी
8. श्री पीएल वर्मा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हरदोई- बीएससी
9. अजय पाल सिंह डिग्री कॉलेज हरदोई- बीएससी
10. दिव्य कृपाल पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी व एमएससी
11. मोहम्मद नजीर फातिमा पीजी कॉलेज हरदोई- बीएससी
12. डॉ. भीमराव अंबेडकर पीजी कॉलेज, मुराद नगर लखीमपुर खीरी- एमए चित्रकला