अमन क्राइम न्यूज़ हरदोई -ब्यूरो चीफ रंजीत श्रीवास्तव
हरदोई। लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड एक ने सांडी रोड पर बीच सड़क से दोनों ओर दस मीटर में बने मकानों और दुकानों को चिह्नित कर नोटिस जारी करना शुरू कर दी है। 62 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्हें सात दिन में अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। इससे सालों से यहां रह रहे लोगों में खलबली मच गई है।
गत शनिवार को नुमाइश चौराहे से सांडी रोड की तरफ सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण किए मकानों और दुकानों को चिह्नित किया गया था। लोक निर्माण विभाग के खंड एक के सहायक अभियंता शर्मानंद तिवारी की मौजूदगी में विभागीय अभियंताओं के साथ ही राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जांच की थी।
इसके बाद सोमवार को सड़क के मध्य से दस मीटर की दूरी में दोनों तरफ के निर्माण कार्यों को चिह्नित कर मार्किंग भी कर दी गई। अब लोक निर्माण विभाग ने चिह्नित दुकानों और मकानों के मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि वह सालों से यहां रह रहे हैं। अचानक नोटिस मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गई है।
अधिशासी अभियंता बोले, एसडीएम के निर्देश पर कार्रवाई
निर्माण खंड एक के अधिशासी अभियंता एचडी अहिरवार ने बताया कि सांडी रोड पर सड़क के दोनों तरफ के मकानों और दुकानों को चिह्नित कर मार्किंग की गई है। एसडीएम सदर के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की है। एसडीएम सदर का प्रभार संभाल रहीं आईएएस अफसर लक्ष्मी एन का कहना है कि किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है। आवागमन को सुलभ बनाए रखने, जाम की समस्या से बचने के लिए चिहंकन कराया गया है। अगर अतिक्रमण किया गया है तो कार्रवाई होनी चाहिए।
तो शहर कोतवाली भी आएगी जद में!
शहर कोतवाली भी सांडी रोड पर है। सड़क के मध्य से दस मीटर की नाप देखी जाए तो कोतवाली ने भी अतिक्रमण कर रखा है। फिलहाल शहर कोतवाली को नोटिस जारी नहीं की गई है।
लोग बोले, ये तो उत्पीड़न
सांडी रोड निवासी सीएसएन डिग्री कालेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर केके अवस्थी का कहना है कि अचानक नोटिस भेजे जाने का कोई मतलब ही समझ नहीं आया। 40 वर्ष से अधिक समय से यहां रह रहे हैं। मार्ग के चौड़ीकरण का भी कोई प्रस्ताव नहीं है, फिर तो ये एक तरह से उत्पीड़न ही है।
स्वास्थ्य विभाग की सेवानिवृत्त कर्मचारी पद्मा पांडेय कहती हैं कि समझ ही नहीं आया कि हमने कब अतिक्रमण कर लिया। अचानक नोटिस आई तो बताया जा रहा है कि अतिक्रमण किया गया है। साढ़े तीन दशक से यही रह रहे हैं, कभी किसी ने अतिक्रमण की शिकायत नहीं की। अब पता नहीं कहां से नापा है कि अतिक्रमण बता रहे हैं।