अमन क्राइम न्यूज़ हरदोई -ब्यूरो चीफ रंजीत श्रीवास्तव
हरदोई। पिहानी-चपरतला मार्ग की वृहद मरम्मत का ठेका चहेती फर्म को दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग के एक आलाधिकारी ने टेंडर आमंत्रण में ही खेल कर दिया। निर्माण कार्य के लिए पांचवीं बार टेंडर आमंत्रित किए गए हैं, लेकिन टेंडर नोटिस में इसका उल्लेख ही नहीं किया गया।
पिहानी-चपरतला मार्ग का 13 किलोमीटर हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। क्षेत्रीय विधायक श्याम प्रकाश के प्रयासों से इस मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए शासन ने 12 करोड़ 25 लाख रुपये 16 मार्च 2020 को ही स्वीकृत कर दिए थे। इससे पहले 28 फरवरी को शासन की व्यय वित्त समिति ने इस पर अपनी सहमति दे दी थी। बावजूद इसके अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए और विधायक श्याम प्रकाश को इस्तीफा देने तक की बात कहनी पड़ी। हकीकत ये है कि लोक निर्माण विभाग के आलाधिकारी एक विशेष फर्म को ही काम देना चाहते हैं। इसके कारण चार बार टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है।
टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने के पीछे अधीक्षण अभियंता के स्तर से जारी होने वाले पत्र में सिर्फ अपरिहार्य कारण बताए जाते हैं। पूर्व में चार बार हुई टेंडर प्रक्रिया को क्वालीफाई करने वाली फर्म को अगर काम दे दिया गया होता तो अब तक पचास हजार लोगों को आवागमन में राहत मिल गई होती। पूरे मामले में ताजा जानकारी ये है कि पांचवीं बार जो टेंडर आमंत्रित किए गए हैं, उनके अभिलेखों में न तो ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन इसका उल्लेख है। ऐसे में शासन स्तर के विभागीय अधिकारियों को लग रहा है कि निविदा पहली बार ही आमंत्रित की जा रही है।
इसलिए छिपाई गई हकीकत
पिहानी-चपरतला मार्ग का टेंडर पांचवीं बार आमंत्रित किए जाने का उल्लेख निविदा नोटिस में जानबूझकर नहीं किया गया। दरअसल विभागीय नियमों के मुताबिक अगर टेंडर प्रक्रिया में कोई एक फर्म ही क्वालीफाई कर रही है तो इसके लिए कम से कम तीन बार टेंडर प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए। तीसरी बार भी अगर एक ही फर्म क्वालीफाई करेगी तो उसे कार्य दिया जाना आवश्यक है। यही कारण है कि पूर्व में आमंत्रित की गईं निविदाओं का उल्लेख इस बार की निविदा में नहीं किया गया है।
! तो बसपा नेता की फर्म पर मेहरबान हैं उच्चाधिकारी
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के आलाधिकारी जिस फर्म को पिहानी-चपरतला मार्ग का काम दिलाना चाहते हैं, उसके संचालक बसपा नेता हैं। उक्त बसपा नेता लखनऊ में ठेकेदारी करते हैं और गत विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जिले की एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं। बसपा नेता की फर्म को कार्य दिलाने के लिए ही आलाधिकारी हर बार टेंडर क्वालीफाई करने वाली फर्म पर टेंडर न डालने का दबाव भी बना चुके हैं।
पूरी टेंडर प्रक्रिया की कराऊंगा जांच : विधायक
गोपामऊ से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने पूरे मामले पर कहा कि अगर टेंडर प्रक्रिया दोषपूर्ण हो रही है तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से शिकायत कर पूरी प्रक्रिया की जांच कराई जाएगी। जब एक फर्म तीन-तीन बार क्वालीफाई कर चुकी है, तो उसे काम मिलना चाहिए। आलाधिकारी अगर अपनी चहेती फर्म को टेंडर देना चाहते हैं, तो किसी और जिले में दे दें।