अमन क्राइम न्यूज़ हरदोई -ब्यूरो चीफ रंजीत श्रीवास्तव
पिहानी में राजकीय महाविद्यालय की ओर से शिक्षा का व्यावसायीकरण रोकने के लिए कार्ययोजना और सुझाव विषयक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षा जगत के विद्वानों ने शिक्षा के व्यावसायीकरण पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए अपने सुझाव रखे।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव ने वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कहा कि नई शिक्षा नीति का प्रस्ताव एक लंबे विचार विमर्श के पश्चात तैयार किया गया है। इस नीति को तैयार करने से पहले कई सेमिनार आयोजित किए गए। लगभग 800 ब्लॉक से सुझाव मांगे गए थे। मुख्य वक्ता, नई शिक्षा नीति पर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा गठित स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य और कुमारी मायावती स्नातकोत्तर महाविद्यालय गौतम बुद्ध नगर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने आईसीटी और उच्च शिक्षा विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कैसे लॉकडाउन की अवधि में भी आईसीटी का उपयोग ऑनलाइन शिक्षा में किया गया। शिक्षा के व्यावसायीकरण पर उन्होंने कहा विधिक तौर पर सभी शिक्षण संस्थान गैर-लाभकारी संस्थान हैं, भले ही वह निजी क्षेत्र के क्यों ना हों। समस्या कानूनों के उल्लंघन की है। कहा कि यदि निजी क्षेत्र में दक्षता एवं क्षमताएं हैं तो सरकारी क्षेत्र को साथ मिलकर एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाया जा सकता है।
आईबीएम यूएसए में सॉफ्टवेयर साइंटिस्ट संजय उप्रेती ने टेक्नोलॉजी एजुकेशन एंड डेवलपमेंट विषय पर व्याख्यान दिया। इससे पूर्व प्राचार्य व प्रोफेसर विवेक तिवारी ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में शिक्षण संस्थाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ यह भी ध्यान देना चाहिए कि शिक्षा का व्यावसायीकरण ना हो सके। संयोजक कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने वेबीनार के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में इंजीनियर ज्ञान पांडे, केएनपीजी कॉलेज भदोही के डॉ. अमित गोयल व सहसंयोजक प्रो. जितेंद्र ने सभी के विचार व्यक्त किए। आयोजन सचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार ने सभी का आभार जताया। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी, देश के विभिन्न भागों से प्राध्यापक एवं छात्र वेबिनार में शामिल हुए। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्यूब पर भी किया गया।