दिल्ली में पिछले तीन सालों में लगातार बढ़ी अपराधों की संख्या
आपको बता दें कि 2016 के बाद से तीन सालों में दिल्ली ने लगातार अपराधों में वृद्धि देखी है. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 2017 में आईपीसी के 2,24,346 मामले दर्ज हुए थे जबकि साल 2016 में यह आंकड़ा 2,06,135 था.
चेन्नई दूसरे और सूरत तीसरे स्थान पर
एनसीआरबी की रिपोर्ट में चेन्नई 10.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है. साल 2018 में यहां दर्ज किए गए अपराधों की कुल संख्या 85,027 थी. जो कि 2017 में दर्ज 41,573 मामलों से काफी अधिक था. इस सूची में गुजरात का सूरत 7.5 प्रतिशत और महाराष्ट्र का शहर मुंबई 7.1 प्रतिशत के साथ क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहा.
भारत के 19 मेट्रो शहरों में 10 फीसदी अपराध बढ़े
एनसीआरबी की रिपोर्ट 'क्राइम इन इंडिया-2018' के अनुसार, अपराध के मामलों में साल 2018 में एक साथ भारत के 19 मेट्रो शहरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली.