लखनऊ, सी सी न्यूज़ संवाददाता। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधिनियम की धारा 18 में संशोधन और 12 सूत्रीय अन्य मांगों को लेकर प्राइमरी और अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक शिक्षक मंगलवार को प्रदेशभर के स्कूलों में हड़ताल करेंगे। धारा 18 के तहत प्रबंधक आयोग की अनुमति के बिना ही शिक्षकों को दंड के लिए नोटिस दे सकता है। वहीं 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन करेंगे। वह अधिनियम की प्रतियां फाड़ेंगे और डीएम को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
उप्र शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि 1.59 लाख प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की पुरानी पेंशन व चिकित्सा सुविधा सहित 12 मांगे लंबित हैैं। वे इसे लेकर प्रदर्शन करेंगे। इसी के साथ 4500 एडेड माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक धारा 18 के साथ-साथ अन्य मांगों को लेकर एकजुट प्रदर्शन करेंगे।
दूसरी ओर, हड़ताल के दौरान किसी भी तरह की जोर-जबरदस्ती न हो, इसे लेकर शासन सर्तक हो गया है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आकस्मिक अवकाश की स्थिति में परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठक में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई करवाने के इच्छुक हैं, उन्हें शांतिपूर्ण पढ़ाने दिया जाए।
उधर, शिक्षामित्रों के गुटों में हड़ताल को लेकर टकराव है। अनिल यादव गुट हड़ताल का समर्थन करेगा, जबकि जितेंद्र शाही खेमा पढ़ाई करवाएगा। उप्र शिक्षक महासंघ के संरक्षक व विधानपरिषद में शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा कहते हैं कि नियमावली में बदलाव कर शिक्षकों को भ्रमित किया जा रहा है। अधिनियम की धारा 18 में बदलाव के बाद ही आंदोलन खत्म होगा।