अमन क्राइम न्यूज़ रंजीत श्रीवास्तव
जगदलपुर,। छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के जंगलों में पार्टी फंड के नाम पर नक्सली ग्रामीणों से रंगदारी वसूल रहे हैं। नक्सलियों ने फरमान जारी कर चेतावनी दी है कि अगर गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपये देने होंगे। इससे परेशान ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं।
कैंप खुलता है तो आसपास के दस किमी के दायरे में नक्सलियों के अवैध उगाही का यह कारोबार बंद हो जाता है। यही वजह है कि नक्सली नए कैंपों का लगातार विरोध कर रहे हैं। कोंटा ब्लॉक के कुछ गांवों से यह सूचना आई है कि जिन आदिवासियों के पास रोजी रोटी का जरिया सिर्फ मेहनत मजदूरी है, उन्हें भी नक्सल पार्टी को हर महीने 50 रुपये देने पड़ते हैं। अगर कोई परिवार किसी महीने रंगदारी नहीं दे पाता तो अगले महीने उसे दोगुनी राशि अदा करनी पड़ती है।
हर घर से एक बच्चा मांग रहे
पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों को नए कैडर नहीं मिल रहे हैं। इसलिए अब वे हर घर से एक लड़के या लड़की को अपने दल में शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पुलिस के पास इन बातों की पुख्ता सूचना है। इसलिए पुलिस लगातार अंदरूनी इलाकों में कैंप खोल रही है।
हर काम में होती है हिस्सेदारी
नक्सल इलाकों में ठेकेदार, तेंदूपत्ता खरीदार, बस संचालक, हाट बाजार करने वाले व्यापारी आदि सभी को नक्सली रंगदारी देने के लिए बाध्य करते हैं। पुलिस भी यह बात जानती है पर दिक्कत यह है कि जब तक सुरक्षा का इंतजाम न किया जा सके तब तक किसी को परेशान भी नहीं किया जा सकता। इसका एक ही उपाय है कि ऐसे इलाकों तक पुलिस की पहुंच बढ़े।
आइजी बस्तर, सुंदरराज पी ने कहा, 'पार्टी फंड के नाम से नक्सली उगाही करते हैं। जिन जगहों पर फोर्स के कैंप खुल रहे हैं वहां उनका यह कारोबार बंद हो जाता है इसीलिए वे कैंप का विरोध करते हैं। हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अभी और नए कैंप खुलेंगे। जिन जगहों से इस तरह की शिकायत आ रही है वहां जल्द कैंप खोले जाएंगे।'